आत्म विश्वास
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एक दिन कि बात है। दोनों खेलते-खेलते गांव के पास के ही जंगल मे बहुत अंदर तक चले गये। दोनों खेल मे इतना खो गये कि उनको समय का भी अंदाजा ना रहा। अंधेरा हो चला था। खेलते-खेलते ना जाने कैसे श्याम कटे पडे एक बडे से पेड के नीचे फस गया। श्याम ने पेड के नीचे से निकले की बहुत कोशिश की परन्तु निकल ना पाया। अब श्याम घबरा चुका था। घबराहट के मारे श्याम जोर-जोर से चिल्लाने और रोने लगा। श्याम की आवाज सून कर राम दौड़ा-दौड़ा श्याम के पास आया और शाम को पेड़ के नीचे फंसा हुआ देख राम भी घबरा हो गया। ओर बिना देरी किये श्याम को निकालने की कोशिश करने लगा। परंतु निकाल ना पाया।
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राम ने मदद के लिए इधर-उधर भागना ओर जोर जोर से आवाज लगानी शुरू की परन्तु वह दोनो जंगल के बहुत अंदर थे। जिस कारण गांव वालों तक उनकी आवाज नही पहुंच सकती थी। गांव जाकर राम किसी की मदद भी नहीं ला सकता था। क्योंकि रात हो चुकी थी। और जंगल में कोई शिकारी जानवर श्याम पर हमला भी कर सकता था। राम ने एक बार फिर हिम्मत की और पूरी जान से पेड़ को धक्का मारने लगा। आखिरकार इस बार राम, श्याम को पेड के निचे से निकालने में कामयाब हो गया। श्याम के बाहर निकलते ही दोनों खुशी के मारे नाचते-नाचते रोने लगे। कुछ देर बाद जब दोनों शांत हुए तो उनको एक नया डर सताने लगा।
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कि वह गाव मे जाकर के लोगों को क्या बताएंगे। दोनों ने फैसला किया कि वह गांव में जाकर सबको सच सच बता देंगे। परंतु जब वह गांव में जाकर लोगों को घटना के बारे में बताना शुरू किया। तो किसी को भी उनकी बातों पर विश्वास नहीं आया। उसी गांव में राम और श्याम के मास्टर जी भी रहा करते थे। जो कि गांव में सबसे ज्यादा पढ़े लिखे और बुद्धिमानी व्यक्ति थे। गांव में सभी मास्टर जी कि बहुत इज्जत किया करते थे। और उनकी सारी बातें मानते थे। मास्टर जी को जब राम और श्याम के साथ घटी घटना के बारे में पता चला। तब उन्होंने दोनों को अपने पास बुलवाया। मास्टर जी ने राम और श्याम की एक-एक बात बड़े ध्यान से सुनी। सारी बात सुनने के बाद मास्टर जी ने राम को उसकी बहादुरी के लिए शाबाशी दी। परंतु जब गाँव वालों को मास्टर जी द्वारा दोनों की बातों पर विश्वास और राम को शाबाशी दी जाने की बात का पता चला तो सभी गाँव वालों को बडी हैरानी हुई। गांव वालों ने फैसला किया कि सभी मिलकर मास्टर जी के पास जाएंगे और उनसे पूछेंगे कि उनको कैसे उन दोनों की बातों पर विश्वास हो रहा है। जब सभी गांव वाले मास्टर जी के पास पहुंचे। और जानना चाहा कि मास्टर जी को कैसे उन दोनों की बातों पर विश्वास हो रहा है। मास्टर जी ने कहा कि इसमें विश्वास की क्या बात है। यह दोनों बता तो रहे हैं कि कैसे घटना घटी और कैसे-कैसे राम ने श्याम को पेड़ के नीचे से निकाला था। मास्टर जी ने फिर कहा कि सवाल यह नहीं है की राम ने यह कैसे किया सवाल तो यह है की राम यह क्यों कर पाया। जबकि राम मात्र 9 साल का है। और शारीरिक तौर पर बहुत कमजोर भी है। मास्टर जी ने बताया की राम यह इसलिए कर पाया। क्योंकि राम के पास कहीं दूर दूर तक कोई यह बताने वाला नहीं था की वह यह कार्य नहीं कर सकता।
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अक्सर हम अपनी जीवन मे ऐसे बहुत से कार्य शुरू ही नहीं करते। या बीच मे ही छोड़ देते है। क्योंकि हमे यह बताने वाले कि हम वह काम क्यों नहीं कर सकते। ऐसे बहुत सारे लोग हमारे घर या आस पास मे पाये जाते है।बेसक उन लोगों ने वह काम कभी किया हो या नही। हम उनकी बात मान जाते है। मैं ऐसा नही कहता की वह हर बार गलत होते है। परन्तु हमें खुद पर भी भरोसा होना चाहिए।